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भूगोल को सोशल साइंस में सबसे तेजी से उभरने वाली ब्राँच का दर्जा दिया गया है। यह समाज और प्रकृति के बदलाव की पल-पल की जानकारी लोगों को मुहैया कराता रहता है। भूगोल सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक परिवेश में आने वाली चुनौतियों के वस्तुनिष्ठ अध्ययन एवं विश्लेषण में मददगार है। भूगोल का अध्ययन दिलचस्प होने के साथ—साथ विविधता से भी भरा हुआ है। अध्ययन ही नहीं करियर के लिहाज से भी देखें तो इसमें तरह-तरह के रोजगार के अवसर हैं। पहला अवसर प्लानिंग के स्तर पर है। आज क्षेत्रीय प्लानिंग हो या शहरी या फिर ग्रामीण प्लानिंग इनसे जुड़े संस्थानों में भूगोल के छात्रों की खोज प्लानर के रूप में सदा रहती है।
भूगोल के क्षेत्र में करियर के बढ़ते मौके
भूगोल की पढ़ाई के दौरान मुख्यत: तीन चीजें बताई जाती हैं। पहला डाटा तैयार करना, दूसरा उसे ग्राफ या डायग्राम में बदलना और तीसरा मैपिंग का काम। किसी भी सूचना को कम्प्यूटर के जरिए ग्राफ या मैप में कैसे बदलना है, यह भूगोल के छात्रों को बखूबी बताया जाता है। भूगोल सामाजिक विज्ञान के समग्र अध्ययन में महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके तहत समाज के राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक, सभी पहलुओं को देखा व समझा जाता है। समाज की ही नहीं, व्यापक तौर पर कहें तो विश्व स्तर की समस्याओं का हल भूगोल के दायरे में ही होता है। इसमें सभी डिसिप्लिन एकीकृत होते हैं और सभी का समेकित रूप से अध्ययन भी किया जाता है। तकनीक के लिहाज से भी भूगोल को देखें तो इसमें स्पेशल इनफॉर्मेशन टेक्रोलॉजी काफी महत्वपूर्ण है। इसमें तीन चीजे हैं। सुदूर संवेदन, जिसने भूगोल जगत में क्रांति ला दी है, यह एक अन्य स्तर पर डाटा का अध्ययन है। चाहे प्रादेशिक डाटा हो या ऐतिहासिक, कृषि का क्षेत्र हो या शहरी या फिर वन क्षेत्र, सभी तरह के डाटाओं का अध्ययन भूगोल में किया जाता है। इस तरह के कामों के लिए विभिन्न कंपनियाँ छात्रों को अपने यहाँ नौकरी पर रखती हैं। भूगोल के छात्रों की जरूरत सामाजिक व आर्थिक डाटा तैयार करने में भी पड़ती है। किसी भौगोलिक क्षेत्र में बसे हुए लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का आकलन करने में भी ये खासे मददगार साबित होते हैं। इसलिए विभिन्न तरह के स्वयंसेवी संगठन यानी एनजीओ इन्हें अपने यहाँ काम पर रखते हैं।
भूगोल के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी की दखल भी खूब है। इसके तहत भूगोल में रिमोट सेंसिंग व जीआईएस बहुत लोकप्रिय हो रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में कभी बाढ़ तो कभी सूखा पड़ता है। सैटेलाइट के जरिए इसका अध्ययन करने की कला भूगोल के छात्रों को कोर्स के दौरान सिखाई जाती है। वे घटनास्थल या आपदा वाली जगह का अध्ययन करते हैं। ये समाज व संगठन को बदलती तकनीक के साथ तात्कालिक जानकारी प्रदान करते हैं। भूगोल में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस में स्पेशलाइजेशन रखने वाले छात्रों के लिए इसरो और रिमोट सेंसिंग एजेंसी में काम करने का मौका मिलता है। भूगोल के छात्रों के लिए डिफेंस व एनेलिटिकल विंग में भी काम करने का मौका है। यहाँ किसी भी जगह या लोकेशन का अध्ययन करने के लिए इनकी जरूरत पड़ती है। तोप या टैंकर किस ढलान पर जा सकता है, वहाँ की मिट्टी कैसी है, इसके लिए इंजीनियर से उपयुक्त भूगोलविद को माना जाता है। इंजीनियर तकनीकी ज्ञान तो रखता है, भौगोलिक नहीं । सेना की लड़ाई में भौगोलिक स्थिति की जानकारी भी रखनी पड़ती है। लड़ाई की जगह की भौगोलिक स्थिति बताने में ऐसे छात्र सेना के मददगार होते हैं। भूगोल के छात्रों के लिए टूरिज्म में भी रोजगार के अवसर हैं। जहाँ इतिहास का छात्र ऐतिहासिक स्थलों का गाइड बनता है, वहीं भूगोल के छात्र ईको टूरिज्म में करियर बना सकते हैं । बायोडाइवर्सिटी पार्क आज काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। इनका दौरा कराने और उनके बारे में रोचक जानकारी देने के लिए भूगोल विषय के छात्र मददगार होते हैं। इसी तरह चिडिय़ाघर या किसी अभयारण्य के लिए भी ऐसे छात्र पर्यटकों के गाइड बनते हैं। मसलन काजीरंगा में किस तरह का जंगल है,वहाँ किस तरह के जीव-जन्तु हैं , मौसम कैसा है, इस तरह की जानकारी देने के लिए भूगोल के छात्रों को गाइड के रूप में नियुक्त किया जाता है। चुनाव के कामों में भी विशेष तरह के डाटा संकलन के लिए भूगोल के जानकारों की जरूरत पड़ती है। महानगर ही नहीं, लेकिन छोटे-छोटे अंचलों में मतदाताओं की प्रकृति और सर्वेक्षण के काम में ये उपयुक्त साबित होते हैं। मौसम विभाग में भी आने वाले दिनों में भूगोल के छात्रों के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। इस विषय के छात्र मौसम का पूर्वानुमान और भविष्यवाणी करते हैं।
भूगोल में करियर के विविध अवसर
इस विषय की पढ़ाई करने वालों के लिए स्कूल-कॉलेजों में शिक्षण के भी ढ़ेरों अवसर हैं। बीए,एमए व बीएड करने के बाद स्कूल शिक्षक और एमफिल तथा पीएचडी करने पर कॉलेजों में अध्यापन का मौका मिलता है। एमए के स्तर पर भूगोल में कई तरह के स्पेशलाइजेशन हैं, जो करियर की अलग-अलग राह दिखाते हैं। किसी को यह विषय रिमोट सेंसिंग और जीआईएस में ले जाता है तो किसी को मौसम के क्षेत्र में। डिजस्टर मैनेजमेंट का क्षेत्र भी भूगोल के छात्रों के लिए खुला हुआ है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन में ऐसे छात्रों के लिए काफी अवसर हैं। इसी तरह कोस्टल जोन मैनेजमेंट में भी काम करने का मौका है। समुद्र तटीय स्थिति की विशेष जानकारी रखने वाले इस क्षेत्र में भी काम कर सकते हैं। बीए करने के बाद विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने का अवसर तो मिलता ही है, संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भी इस विषय के छात्र काफी सफल होते हैं। सिविल सर्विस के लिए भूगोल एक उपयुक्त व लोकप्रिय विषय है। इसे ध्यान में रखते हुए भी बहुत सारे छात्र बीए में इस विषय का चुनाव कर रहे हैं।
भूगोल के छात्र स्नातक करने के बाद एनजीओ में अपना बड़ा योगदान दे सकते हैं। उनके लिए एनजीओ में कई तरह के अवसर हैं। एनजीओ के अलावा सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में शहरी व ग्रामीण योजना के निर्माण व कार्यान्वन व समीक्षा में अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं। इनके लिए करियर का एक और विकल्प स्कूली व उच्च शिक्षा में भी है। डेमोग्राफी और मौसम विज्ञान के आँकड़ों का विश्लेषण व परिणाम निकालने के काम में भी इन छात्रों को अवसर प्रदान किया जाता है। प्राकृतिक संसाधन के तहत इसका आकलन,दोहन और भविष्य के उपयोग के लिए दीर्घकालीन कार्यवृत्ति बनाने में सहयोग के रूप में भूगोल के छात्र कारगर भूमिका निभाते हैं। भूगोल सोशल साइंस की फास्टेस्ट इमर्जिंग ब्रांच यानी सबसे तेजी से उभरने वाली शाखा है। इसमें करियर की बात करें तो बीए,एमए के बाद स्पेशलाइज्ड फील्ड में ढेरों अवसर हैं। मसलन, आज शहर और गाँव, उद्योग जगत में प्लानिंग के लिए प्लानर की जरूरत पड़ती है। भूगोल के छात्र इसमें काफी दक्ष माने जाते हैं। वे सूचनाओं को लेकर जल्द से जल्द प्लान तैयार कर देते हैं। प्लान की मैपिंग कर देते हैं। इस तरह के आधुनिक इंटरप्रेटेशन के लिए विभिन्न तरह की कंपनियाँ भूगोल के छात्रों को अपने यहाँ काम पर रखती हैं। एकेडमिक क्षेत्र में सामाजिक व आर्थिक डाटा इकट्टा करने के लिए भूगोल के छात्रों को काफी तवज्जो दी जाती है। ऐसे महत्वपूर्ण विषय में नौकरी और शोध के काफी अवसर हैं। आज भूगोलवेत्ता रिमोट सेंसिंग एजेंसी, मैप एजेंसी, खाद्य सुरक्षा, कार्बन तथा ऊर्जा सुरक्षा, जल सुरक्षा, बायोडायवर्सिटी जैसे क्षेत्रों में अहम रोल अदा कर रहे हैं। पर्यावरण सुरक्षा और मौसम में बदलाव जैसे कार्यों की परख में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)