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फॉर्माकोविजेलेंस में करियर के अवसर

यकीनन इस समय जहाँ एक ओर भारत दुनिया की नई फॉर्मेसी बनते हुए दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर देश में नकली दवाओं तथा कम गुणवत्ता वाली दवाओं का कारोबार भी तेजी से पनपते हुए दिखाई दे रहा है। ऐसे में फार्माकोविजिलेंस के क्षेत्र में करियर के मौके तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। फार्माकोविजिलेंस के अंतर्गत नकली दवाओं की पहचान करना, मरीजों पर पड़ रहे दवाओं के असर को पहचानना, उसको मापना, उसकी पुष्टि करना, दवाओं की उपलब्धता, उसका विपणन, प्रयोग, दवाओं का नियमन आदि कार्य फार्माकोविजिलेंस के अंतर्गत आते हैं।

बढ़ते फार्मेसी सेक्टर के साथ फार्माकोविजिलेंस में बढ़ते मौके-

जिस तेजी से देश दवाई निर्माण में आगे बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से देश में फार्माकोविजिलेंस के क्षेत्र में करियर के मौके बढ़ने की संभावना बढ़ रही हैं। इस समय भारत दवाई उत्पादन की मात्रा के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। भारत के दवा क्षेत्र में आगे बढ़ने के कई कारण दिखाई दे रहे हैं। भारत अकेला एक ऐसा देश है जिसके पास अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए के मानकों के अनुरूप अमेरिका से बाहर सबसे अधिक संख्या में दवा बनाने के प्लांट हैं। विकासशील देशों के लिए दवाओं की लागत कम करने में भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई है। भारत विश्व को सबसे अधिक जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराने वाला देश है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण चीन के प्रति नाराजगी से चीन में कार्यरत कई वैश्विक दवाई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियाँ अपना काम चीन से बाहर स्थानांतरित हुई हैं। ऐसे में सरकार के द्वारा वैश्विक फार्मा मैन्युफैक्चरिंग और निर्यातक कम्पनियों को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए घोषित नई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम जैसी कई योजनाओं से कई फार्मा कंपनियों ने भारत की ओर भी कदम बढ़ाए है। साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ साझेदारी में 3 मेगा बल्क ड्रग पार्क हेतु 3 हजार करोड़ रु. स्वीकृत किए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक उत्पादन से संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत दवा क्षेत्र में अगले 5-6 वर्षों के दौरान 15,000 करोड़ रुपए का निवेश आने की संभावना है। इससे जहाँ दवा क्षेत्र की बिक्री बढ़कर करीब 3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी वहीं दवा निर्यात में भी करीब 2 लाख करोड़ रुपये का इजाफा होगा। विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2020 में भारत के फार्मा उद्योग का जो बाजार मूल्य 40 अरब डॉलर से अधिक का रहा है, वह 2024 तक 65 अरब डॉलर और 2030 तक 120 अरब डॉलर की ऊँचाई तक पहुंचने की संभावना रखता है।

फार्माकोविजिलेंस में करियर के लिए स्किल्स-

जो स्टूडेंट्स फार्माकोविजिलेंस के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे लाइफ साइंस व फार्मेसी के प्रति गहरी रूचि रखते हों। फार्मेसी से जुड़े रिसर्च के क्षेत्र में काम करने के लिए उनकी अच्छी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के साथ विश्लेषण क्षमता बेहतर होना जरूरी है। फार्माकोविजिलेंस का क्षेत्र उन लोगों के लिए बेहतर है, जो दवाइयों की कम गुणवत्ता के असर को पकड़ने में सक्षम हों। उनकी संवाद क्षमता भी प्रभावी होनी चाहिए, क्योंकि हमेशा मरीजों, चिकित्सकों, दवा विक्रेताओं, मेडिसिन कंट्रोल बोर्ड आदि के संपर्क में रहना पड़ता है।

फार्माकोविजिलेंस में करियर के बहुआयामी मौके-

फार्माकोविजिलेंस के तहत करियर के बहुआयामी मौके हैं। ये मौके सरकारी विभागों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी हैं। सुरक्षा, गुणवत्ता तथा प्रभावोत्पादकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दवाइयों के निर्माण से बिक्री तक का संपूर्ण औषधीय परिदृश्य केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के द्वारा लाइसेंसिंग और निरीक्षण प्रक्रिया के माध्यम से विनियमित किया जाता है। फार्माकोविजिलेंस का कोर्स करने के बाद केंद्र तथा राज्य सरकार के अधीन विभागों में औषधि निरीक्षक बना जा सकता है। विनिर्माण केमिस्ट का पद भी फार्माकोविजिलेंस का कोर्स करने के बाद प्राप्त किया जा सकता है। फार्माकोविजिलेंस का कोर्स करने के उपरांत गुणवत्ता नियंत्रक केमिस्ट के रूप भी रोजगार के अवसर हैं। फार्माकोविजिलेंस का कोर्स करने के उपरांत सरकारी प्रयोगशालाओं में सरकारी विश्लेषक के रूप में कार्य किया जा सकता है। फार्माकोविजिलेंस से संबंधित कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में प्रायवेट सेक्टर की दवाई गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं के साथ-साथ फार्मा कंपनियों में सरलता से रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।

फार्माकोविजिलेंस से संबंधित विभिन्न कोर्स-

निश्चित रूप से फार्माकोविजिलेंस में अच्छे करियर के लिए फार्मेसी की अच्छी डिग्री और फॉर्मा सेक्टर में दक्षता के बाद देश ही नहीं, दुनियाभर में चमकीला करियर बनाया जा सकता है। फार्मेसी में करियर बनाने के लिए स्टूडेंट के द्वारा 10वीं के बाद बायोलॉजी, फिजिक्स, केमेस्ट्री ग्रुप या मैथ्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री का ग्रुप लिया जाना चाहिए। फार्माकोविजिलेंस के क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स इससे संबंधित सर्टिफिकेट और डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा के कोर्स कर सकते हैं। फार्माकोविजिलेंस कोर्स के अंतर्गत जो विषय पढ़ाए जाते हैं, उनमें प्रमुखतया बेसिक प्रिंसिपल ऑफ फार्माकोविजिलेंस, रेगुलेशन इन फार्माकोविजिलेंस, फार्माकोविजिलेंस इन क्लिनिकल रिसर्च, ड्रग रिएक्शन, मैनेजमेंट ऑफ फार्माकोविजिलेंस डाटा, रिस्क मैनेजमेंट इन फार्माकोविजिलेंस, फार्माकोइपिडेमियोलॉजी शामिल हैं।

फार्माकोविजिलेंस के गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान को चुनें

देश में फार्मेसी के प्रमुख शैक्षणिक संस्थाओं और क्लीनिकल रिसर्च से संबंधित प्रमुख इंस्टिट्यूशन में फार्माकोविजिलेंस से संबंधित सर्टिफिकेट डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा के कोर्स उपलब्ध हैं। ऐसे में उपयुक्तता के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान का चयन करके फार्माकोविजिलेंस के क्षेत्र में करियर के बहुआयामी चमकीले मौकों को मुठ्ठियों में लेने के लिए सुनियोजित रूप से आगे बढ़ा जा सकता है।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)