गणित तथा गणित से जुड़े क्षेत्रों में करियर के चमकीले अवसर

गणित तथा गणित से जुड़े क्षेत्रों में करियर के चमकीले अवसर

 

मैथेमेटिक्सशब्द की व्युत्पत्ति एक ग्रीक शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है अध्ययन के प्रति झुकाव। मैथेमेटिक्स (गणित) की एक सर्वमान्य परिभाषा देना यद्यपि काफी कठिन है, तथापि इसे मोटे तौर पर संख्याओं तथा प्रतीकों द्वारा अभिव्यक्ति, मात्रा, उनके संबंध, परिचालन एवं मापन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यदि हम साधारण बोलचाल की भाषा में कहें तो गणित संख्याओं तथा उनकी विभिन्न गणनाओं के अध्ययन से संबंधित है। सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना तथा तर्क देना गणित के अत्यधिक महत्वपूर्ण कौशल हैं। गौरतलब है कि गणित उतना ही प्राचीन है जितनी कि हमारी सभ्यता। गणित मनुष्य के ज्ञान की एक अत्यधिक उपयोगी तथा आकर्षक शाखा है। इसमें अध्ययन के कई विषय सम्मिलित हैं। गौरतलब है कि गणित एक मान्यताप्राप्त व्यावसायिक करियर है तथा भारत में छात्रों द्वारा करियर के रूप में चुना जाने वाला एक प्रमुख विषय है। भारत में प्राचीन काल से ही गणित की एक सुदृढ़ परम्परा रही है और इसी कारण से यहाँ गणित एवं संबंधित विज्ञान में अध्ययन के विभिन्न केन्द्रों की स्थापना की गई है। आज भी भारत में गणित में विश्व स्तर के अनुसंधान करने वाले अनेक संस्थान हैं। गणनाओं में रुचि रखने वाले छात्र बड़ी संख्या में गणित को करियर के रूप में चुनते हैं। गणित तथा संबंद्ध क्षेत्र में पाठ्यक्रम करने के उपरांत रोजगार के चमकीले अवसर उपलब्ध हो जाते हैं।

गौरतलब है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कदम-कदम पर गणित का उपयोग करता है। गणित लगभग सभी वैज्ञानिक अध्ययनों का एक अनिवार्य अंग है। वैज्ञानिक गणित का उपयोग प्रयोगों की रूपरेखा बनाने, सूचना का विश्लेषण करने, गणित के सिद्धांतों द्वारा अपने निष्कर्ष उचित रूप में व्यक्त करने तथा इन निष्कर्षों के आधार पर सटीक भविष्यवाणी करने के लिए करते हैं। खगोल विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान जैसे विषय तो गणित पर ही निर्भर हैं। सामाजिक-विज्ञान, अर्थशा, मनोविज्ञान सांख्यिकी आदि भी गणित की ही कई अन्य शाखाओं पर निर्भर होते हैं। अर्थशाी  आर्थिक व्यवस्था के गणितीय मॉडल तैयार करने के लिए गणित का जमकर उपयोग करते हैं। गणितज्ञ आर्थिक, वैज्ञानिक, इंजीनियरी, भौतिकी तथा व्यवसाय आधारित समस्याओं का समाधान करने के लिए गणितीय सिद्धांत, कम्प्यूटेशनल तकनीकों, एल्गोरिदम तथा नवीनतम गणितीय प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हैं।

 

गणित तथा गणित से जुड़े प्रमुख करियर इस प्रकार हैं-

< गणितज्ञ- गणितज्ञ एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसका अध्ययन अथवा अनुसंधान का मुख्य क्षेत्र गणित होता है। गणितज्ञ तर्क, संख्या आदि से संबंधित विशेष समस्याओं से जुड़े होते हैं। वे अनुसंधान करते हैं और समस्याओं का समाधान करते हैं। गणितज्ञ गणित के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करने का प्रयास करते हैं।

< अध्यापन- गणित के अध्यापक की माँग कल भी थी, आज भी है और भविष्य में भी रहेगी। क्योंकि गणित पूरी स्कूली शिक्षा में एक मुख्य विषय होता है। यह व्यवसाय भारत में उच्च आय वाला एक रोजगार है। यदि आप में संख्याओं के प्रति गहरा आकर्षण है तथा विद्यार्थियों को पढ़ाने में आपकी रूचि है तो आप अध्यापन के क्षेत्र में भी करियर बना सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले गणितज्ञों का अध्यापन तथा अनुसंधान में मिश्रित दायित्व होता है।   गणित के क्षेत्र में  अध्यापन में करियर के अनेक रास्ते हैं। स्कूल कॉलेजों में नौकरी कर सकते हैं अथवा स्वतंत्र रूप से कोचिंग अथवा ट्यूशन पढ़ाकर अच्छी अजीविका अर्जित कर सकते हैं।

< बैंकिंग- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने तथा प्रधानमंत्री जनधन योजना जैसी योजनाओं के चलते बैंकों में करोड़ों की संख्या में नए खाते खोले जा रहे हैं। इसके चलते बैंक तेजी से अपनी शाखाएँ बढ़ा रहे हैं जिससे इस क्षेत्र में हजारों हजार रोजगार के नए अवसर निर्मित हो रहे हैं। गणित में महारथ रखने वाले युवा बैंकिंग के निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं- लेखाकार, कस्टमर सर्विस, फ्रंट डेस्क ऑपरेशन, रोकड़ हस्तन, खाता खोलने, करंट एकाउंट, सेविंग एकाउंट, मोर्टगेज लोन अंडरराइटर, लोन प्रोसेसिंग ऑफिसर, बैंक एंड ऑपरेशन, उत्पाद विपणन तथा विक्रय कार्यपालक, वसूली अधिकारी, रिटेल ऐसेट मैनेजर, प्रॉपर्टी अप्रेजर तथा ग्राहक सेवा कार्यपालक। बैंक व्यवसाय स्थापित करने के लिए और विभिन्न विकास कार्यों के लिए ऋण देते हैं तथा बैंकिंग वित्त क्षेत्र में लाखों रोजगार एवं करियर के अवसर सृजित करते हैं।

<परिचालन अनुसंधान विश्लेषक- परिचालन अनुसंधान  अनुप्रयुक्त गणित एवं औपचारिक विज्ञान की एक अंतरविषयीय शाखा है, जो निर्णय लेने के लिए जटिल समस्याओं के श्रेष्ठ समाधान के लिए गणितीय मॉडलिंग तथा सांख्यिकीय विश्लेषण जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करती है। परिचालन अनुसंधान विश्लेषक  सूचनाओं का विकास एवं व्याख्या करने के लिए गणितीय मॉडलिंग तथा कार्यान्वयन करते हैं। परिचालन अनुसंधान विश्लेषक बेहतर निर्णय लेने तथा समस्या समाधान में प्रबंधकों की सहायता करते हैं। यदि आप इस क्षेत्र में चमकीला करियर बनाना चाहते हैं तो आपको मजबूत मात्रात्मक, कंप्यूटर कौशल तथा गणित का उच्च ज्ञान होना आवश्यक है।

< चार्टर्ड अकाउंटेंट- उदारीकरण तथा वैश्वीकरण के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के तीव्र विकास ने लेखा तथा वित्त के क्षेत्र में करियर ने अत्यधिक लोकप्रियता अर्जित की है तथा इस क्षेत्र में चार्टर्ड अकाउंटेन्ट का एक अत्यधिक प्रतिष्ठित करियर विकल्प है। चार्टर्ड अकाउंटेंट लेखाकरण, लेखा परीक्षण तथा कराधान में विशेषज्ञ होता है।  गणित एवं वाणिज्य में रुचि रखने वाले युवा इस क्षेत्र में चमकीला करियर बना सकते हैं।

< सॉफ्टवेयर इंजीनियर- भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की न केवल भारत में अपितु वैश्विक स्तर पर भी धूम मची हुई है। वैश्विक आईटी इंडस्ट्री भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को रोजगार देने के लिए बाहें फैलाए खड़ी है।  गौरतलब है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर की डिजाइन तैयार कर उसका विकास करते हैं। वे सॉफ्टवेयर अनुप्रयोग तथा उनकी प्रणाली का सृजन, परीक्षण, विश्लेषण तथा मूल्यांकन करने के लिए कम्प्यूटर विज्ञान तथा गणितीय विश्लेषण के सिद्धांतों को कार्यान्वित करते हैं। सॉफ्टवेयर संगणना, प्रणालियों, सॉफ्टवेयर इंजीनियर संगणना प्रणालियों, सॉफ्टवेयर की संरचना तथा हार्डवेयर की प्रकृति एवं सीमाओं के भी विशेषज्ञ होते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि ये प्रणालियाँ उपयुक्त रूप में कार्य कर रही हैं। इस क्षेत्र में रोजगार की उत्कृष्ट संभावनाएँ हैं।

< कंप्यूटर प्रणाली विश्लेषक-  कम्प्यूटर प्रणाली विश्लेषक के लिए सॉफ्टवेयर, अनुसंधान, शिक्षा सिक्यूरिटी, बैंकिंग, अर्थशास्त्र, इंजीनियरी, कंप्यूटर विज्ञान, भौतिकी, तकनीकी शाखाओं आदि में रोजगार के प्रचुर अवसर हैं। अधिकांश प्रणाली विश्लेषक लागत-लाभ एवं निवेश पर मुनाफा का विश्लेषण तैयार करने के लिए विशिष्ट प्रकार की कंप्यूटर प्रणालियों जैसे- व्यवसाय लेखाकरण तथा वित्तीय प्रणालियों या वैज्ञानिक एवं इंजीनियरी प्रणाली पर कार्य करते हैं और प्रबंधकों को यह निर्णय लेने में सहायता प्रदान करते हैं कि क्या प्रस्तावित प्रौद्योगिकी वित्तीय दृष्टि से व्यवहार्य होगी अथवा नहीं।

गौरतलब है कि हमारे देश में दसवीं कक्षा तक गणित एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। 11वीं तथा 12वीं कक्षाओं में यदि चाहे तो छात्र यह विषय ले सकते हैं। तथापि जो छात्र इंजीनियरी तथा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम करना चाहते हैं उन्हें 11वीं तथा 12वीं में गणित अवश्य पढऩा होता है। देश की अधिकतर प्रवेश एवं भर्ती परीक्षाओं के लिए मात्रात्मक क्षमता तथा सूचना व्याख्या का गणित एक महत्वपूर्ण घटक होता है। स्नातक स्तर पर गणित बी.एससी. के तहत पढ़ाया जाता है। कुछ विश्वविद्यालयों में गणित एक मुख्य अथवा ऑनर्स विषय के रूप में भी पढ़ाया जाता है।

भारत में स्नातक स्तर पर गणित की शिक्षा देने वाले दो विश्वस्तरीय संस्थान भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आई.एस.आई.), बैंगलुरू एवं चेन्नई गणित संस्थान (सी.एम.आई.), चेन्नई है। आई.एस.आई. गणित तथा कंप्यूटर विज्ञान में बी. मैथ्स डिग्री एवं सी.एम.आई. गणित की बी.एससी. डिग्री कोर्स चलाते हैं, जिनमें प्रवेश प्रत्येक वर्ष मई के अंत में भारत के विभिन्न केन्द्रों पर आयोजित की जाने वाली एक लिखित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है। आई.एस.आई. एवं सी.एम.आई. दोनों संस्थान ऐसे छात्रों को भी अपने संस्थान में प्रवेश देते हैं जो इण्डियन नेशनल मैथेमेटिकल ओलंपियाड (आई.एन.एम.ओ.) में उत्तीर्ण होते हैं या किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (के.वी.पी.वाई.) अध्येता होते हैं।

गणित में विशेषज्ञतापूर्ण पाठ्यक्रम चलाने वाले देश के अन्य प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-

<औद्योगिक गणित में पाठ्यक्रम पुणे विश्वविद्यालय , पुणे में उपलब्ध है।

 

< न्यूमेरिकल मैथेमेटिक्स पाठ्यक्रम मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै में उपलब्ध है।

 

< गणितीय अर्थशा में पाठ्यक्रम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में उपलब्ध है।

 

<अनुप्रयुक्त सांख्यिकी में पाठ्यक्रम मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई में उपलब्ध है।

भारत में 135 से भी अधिक विश्वविद्यालय गणित  से जुड़े कोर्स चलाते हैं। ये कोर्स गणित विभागों द्वारा चलाए जाते हैं। गणित एवं कंप्यूटर विज्ञान दोनों के लिए प्राय: एक ही विभाग होता है। कुछ विश्वविद्यालय शुद्ध गणित एवं अनुप्रयुक्त गणित में विशिष्टता प्रदान करते हैं। छात्र भारत में कुछ स्थानों पर चलाए जाने वाले एकीकृत एम.एससी. पीएचडी डिग्री कोर्स के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

 

एमएससी-पीएचडी कोर्स के लिए देश के-प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-

< टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टी.आई.एफ.आर.), मुंबई।  लिखित परीक्षा तथा उसके बाद  साक्षात्कार के माध्यम से इस संस्थान के पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाता है।

< भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आई.आई.एस.ई.आर.), पुणे/मोहाली/ कोलकाता/ त्रिवेन्द्रम /भोपाल तथा राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा  अनुसंधान संस्थान (एन.आई.एस.ई.आर.), भुवनेश्वर में भी गणित में एकीकृत एमएससी डिग्री कोर्स उपलब्ध है। आई.आई.एस.ई.आर. छात्रों को आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश देता है जबकि एन.आई.एस.ई.आर. राष्ट्रीय प्रवेश जाँच परीक्षा (एन.ई.एस.टी.) के माध्यम से प्रवेश देता है।

<  छात्र हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद द्वारा गणित में चलाए जाने वाले एकीकृत एमएससी पाठ्यक्रम में भी प्रवेश ले सकते हैं। यह विश्वविद्यालय छात्रों को जून के प्रारंभ में आयोजित की जाने वाली एक लिखित परीक्षा के माध्यम से प्रवेश देता है।

< पांडिचेरी विश्वविद्यालय एवं विभिन्न आई.आई.टी. गणित में पाँच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम चलाते हैं।

इन विशेष पाठ्यक्रमों के अलावा सामान्य, शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त गणित में भी कंप्यूटेशनल मैथेमेटिक्स, मैथेमेटिकल स्टेटिस्टिक्स तथा मैथेमेटिकल, अर्थशा, कंप्यूटर अनुप्रयोग सहित गणित, औद्योगिक गणित एवं कार्यात्मक गणित के रूप में ऐसे विषयों पर कई  कोर्स उपलब्ध हैं।

गणित के दो अन्य अत्यधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र सांख्यिकीय गुणवत्ता नियंत्रण तथा परिचालन अनुसंधान हैं। इस क्षेत्र में कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं-

<  सांख्यिकी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा  डॉ. बी.आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय,मराठवाड़ा में उपलब्ध है।

< स्वास्थ्य सांख्यिकी में डिप्लोमा  कोर्स अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, कोलकाता में उपलब्ध है।

<    सांख्यिकी में दो वर्षीय पी.जी. डिप्लोमा कोर्स बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,वाराणसी में उपलब्ध है।

< मास्टर डिग्री कार्यक्रम चलाने वाले अधिकांश विश्वविद्यालयों में गणित तथा संबंद्ध क्षेत्र में पीएच डी तथा अनुसंधान सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। इनके लिए अनेक स्कॉलरशिप भी उपलब्ध हैं। भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा गणित दूरस्थ शिक्षा पद्धति द्वारा भी पढ़ाया जाता है।

 

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर)

111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)

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