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जल परिवहन के क्षेत्र में करियर

इस समय देश में नई लॉजिस्टिक नीति और पीएम गतिशक्ति योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए जो रोडमैप बनाया गया है, उसमें जल परिवहन को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। खासतौर से ढुलाई लागत यानी लॉजिस्टिक कास्ट को 13-14 फीसदी से घटाकर 8-10 फीसदी लाने के लक्ष्य को पाने में जलमार्गों की विशेष भूमिका सुनिश्चित की गई है। नई पीएम गतिशक्ति योजना और लॉजिस्टिक नीति के तहत देश की कुल 109 नदियों पर 111 जलमार्ग का नेटवर्क तैयार करना सुनिश्चित किया गया है। जिनमें से 23 जलमार्गों पर वर्ष 2030 तक जलयान संचालन शुरू हो जाएगा। इससे जल परिवहन के क्षेत्र में करियर के बहुयाआमी मौके बढ़ेंगे।

पीएम गतिशक्ति और नई लॉजिस्टिक नीति करियर के लिए गेमचेंजर

निश्चित रूप से जल परिवहन के क्षेत्र में पीएम गतिशक्ति योजना और नई लॉजिस्टिक नीति करियर के मौके बढ़ाने में गेमचेंजर बन सकती है । नई नीति के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि जलमार्ग आगे चलकर एक पूरक, कम लागत वाला और पर्यावरण के अनुकूल माल एवं यात्री परिवहन का श्रेष्ठ माध्यम बनाया जाए। इस समय देश में विभिन्न माध्यमों से होने वाली कुल माल ढुलाई में तटीय नौवहन और जलमार्ग की हिस्सेदारी महज 6 फीसदी है। जबकि करीब 54 फीसदी ढुलाई सडक़ मार्ग से, 33 फीसदी ढुलाई रेल से और 7 फीसदी ढुलाई पाइपलाइन से होती है। जहाजरानी मंत्रालय ने सागरमाला परियोजना के तहत कुल घरेलू माल ढुलाई में जल परिवहन का जो हिस्सा वर्तमान में महज 6 फीसदी है, इसे वर्ष 2025 तक बढ़ाकर 12 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। इस समय केन्द्र सरकार नई लॉजिस्टिक नीति 2022 के तहत आंतरिक जल माल ढुलाई को तेजी से प्रोत्साहन देकर भारी दबाव से जूझ रहे सडक़ और रेल परिवहन तंत्र को राहत देने की रणनीति पर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रही है। इसके चलते इस क्षेत्र में रोजगार के लाखों नए अवसर भी सृजित होंगे।

जल परिवहन होगा परिवहन की नई जीवनरेखा

गौरतलब है कि सरकार नई नीतियों के साथ जल परिवहन को भारत के परिवहन की जीवन रेखा बनाने की डगर पर आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। जिन जल मार्गों को प्राकृतिक पथ कहा जाता है वे कभी भारतीय परिवहन की जीवन रेखा हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ आए बदलावों और परिवहन के आधुनिक साधनों के चलते बीती एक शताब्दी में भारत में जल परिवहन क्षेत्र बेहद उपेक्षित होता चला गया। भारत के पास 7500 किलोमीटर तटीय क्षेत्र है। जबकि 14,500 किमी नदी मार्ग है और इस विशाल नदी मार्ग पर हमेशा बहती रहने वाली नदियों, झीलों और बैकवाटर्स का उपहार भी मिला हुआ है लेकिन हम इसका उपयोग नहीं कर सके और समय के साथ इनकी क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई। यह स्पष्ट है कि जल परिवहन दुनियाभर में माल ढुलाई के लिए वरीयता वाला माध्यम है। यही कारण है कि यूरोप, अमेरिका, चीन तथा पड़ोसी बांग्लादेश में काफी मात्रा में माल की ढुलाई अंतर्देशीय जल परिवहन तंत्र से हो रही है और उनके कारण रोजगार के मौके ऊँचाई पर हैं।

जल परिवहन में बड़े निवेश से बढ़ेंगे रोजगार

निसंदेह पीएम गतिशक्ति योजना और नई लॉजिस्टिक नीति के तहत भारी निवेश के कारण अब देश के विशाल जल मार्ग और विशाल नदियों के कारण जल परिवहन के तहत माल ढुलाई संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिए बहुत संभावनाएँ हैं तथा रोजगार के भी अधिक अवसर हैं। देश के अधिकांश बिजलीघर कोयले की कमी से मुश्किल में रहते हैं। सडक़ और रेल परिवहन से समय पर कोयला नहीं पहुँच पाता। ऐसे में अंतर्देशीय जलमार्गों के द्वारा कोयला ढुलाई की नियमित तथा किफायती संभावनाएँ हैं। हमारी कई बड़ी विकास परियोजनाएँ राष्ट्रीय जलमार्गों के नजदीक साकार होने जा रही हैं। बहुत से नए कारखाने और पनबिजली इकाइयाँ इन इलाकों में खुल चुके हैं। इनके निर्माण में भारी भरकम मशीनरी की सडक़ से ढुलाई आसान काम नहीं है। इसमें जल परिवहन की अहम भूमिका है। अनाज और उर्वरकों की बड़ी मात्रा में ढुलाई जल परिवहन से संभव है। अब पीएम गतिशक्ति योजना के तहत असाधारण निवेश के मद्देनजर यह कहा जा सकता है कि भविष्य में इस क्षेत्र में और अधिक रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।

जल परिवर्तन में करियर के विभिन्न क्षेत्र

निश्चित रूप से जल परिवहन के तहत करियर के बहुआयामी मौके हैं। जल परिवहन के अन्तर्गत मैरीन इंजीनियरिंग क्षेत्र में बूम की स्थिति है। जल परिवहन के तहत मैरीन इंजीनियरों, बंदरगाह प्रचालन इंजीनियरों, लॉजिस्टिक्स एवं नौवहन विशेषज्ञों और इन क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए भारी माँग है। सरकारी क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र में जल परिवहन डिजाइनरों, जल परिवहन योजनाकारों, जल परिवहन प्रचालन विशेषज्ञों आदि की मांग बढ़ रही है। निजी क्षेत्र में कार्यरत जल परिवहन कंपनियों में भी रोजगार के उजले अवसर विद्यमान हैं। वेतन की बात की जाए तो वेतन योग्यता एवं अनुभव के अनुसार मिलता है।

जल परिवर्तन में करियर के जरूरी स्किल्स

चूँकि जल परिवहन एक विशेषीकृत क्षेत्र है तथा इसमें तकनीकी कौशल की आवश्यकता होती है ऐसे में इस क्षेत्र में करियर के लिए बंदरगाह प्रचालन, लॉजिस्टिक्स एवं नौवहन आदि से संबंधित क्षेत्रों में रुचि और दक्षता की अहमियत होती है। साहस, आत्मविश्वास, अपने दायित्वों के प्रति जागरूक तथा चुनौतियों का सामना करने में सजग व सशक्त रहने वाले युवाओं के लिए जल परिवहन के क्षेत्र में अच्छे अवसरों की कोई कमी नहीं है ।

जल परिवहन का कौनसा पाठ्यक्रम चुने

जल परिवहन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए विभिन्न विशेषज्ञता वाले पाठ्यक्रमों हेतु शैक्षणिक योग्यता भिन्न-भिन्न होती है। जल परिवहन से संबंधित लॉजिस्टिक, बंदरगाह प्रचालन, नौवहन आदि कोर्स देश के विभिन्न मैरी टाइम इंस्टिट्यूट, शिपयाई कंपनियों और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के द्वारा संचालित होते हैं। सामान्यतया 12वीं के बाद जल परिवहन से संबंधित पाठ्यक्रमों की ओर कदम बढ़ाए जा सकते है। ऐसे में अपनी रुचि, योग्यता एवं क्षमता के अनुरूप जल परिवहन के किसी उपयुक्त रोजगारोन्मुखी कोर्स का चयन करके जल परिवहन के क्षेत्र में करियर की डगर पर आगे बढ़ा जा सकता है।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)