चॉकलेट मेकिंग में करियर की उजली संभावनाएँ

चॉकलेट मेकिंग में करियर की उजली संभावनाएँ

हाल ही में इंडिया चॉकलेट मार्केट फोरकास्ट एंड ऑपरच्यूनिटी रिपोर्ट के अनुसार भारत का चॉकलेट बाजार 2023 में 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और 2023-2032 की पूर्वानुमान अवधि के दौरान 6.1% की सीएजीआर पर 2032 तक 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है । चॉकलेट एक मीठा, आम तौर पर भूरे रंग का खाद्य उत्पाद है जो भुने और पिसे हुए कोको बीन्स से बनाया जाता है। इसे विभिन्न रूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है, जैसे बार, ट्रफ़ल्स या तरल, और अक्सर इसमें चीनी, दूध और स्वाद जैसे अतिरिक्त तत्व होते हैं। चॉकलेट अपने समृद्ध, लाजवाब स्वाद के लिए दुनिया भर में पसंद की जाती है और इसका इस्तेमाल आम तौर पर कन्फेक्शनरी और डेसर्ट में किया जाता है।रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चूँकि भारत त्योहारों एवं उत्सवों का देश है तथा भारत में त्योहारों के अवसर पर लोग अपने सगे संबंधियों एवं मित्रों-परिचितों को बड़ी तादाद में गिफ्ट के रूप में चॉकलेट एवं मिठाइयाँ भेट करते हैं, जिसे देखते हुए आने वाले वर्षों में भारत में चॉकलेट की खपत बहुत तेजी से बढ़ेगी। इसके साथ ही साथ भारत की प्रतिव्यक्ति आय भी तेजी से बढ़ रही है जिसके चलते लोग चॉकलेट की खरीददारी के लिए अब पहले की तरह ज्यादा सोच विचार नहीं करते हैं। अब भारत में अच्छी क्वालिटी की चॉकलेट लक्जरी फूड आयटम न होकर सामान्य फूड आयटम हो गया है जिसे बच्चे ही नहीं सभी आयु वर्ग के लोग बड़े चाव से खाते हैं। आज हमारे देश में चॉकलेट एक पसंदीदा डेजर्ट बन गई है।

गौरतलब है कि सबसे पहले चॉकलेट मैक्‍सिको तथा मध्‍य अमेरिका में बनाई जाती थी। इसमें कोको बीज को पीसकर मिर्च और मसाले मिलाए जाते थे और चॉकलेट ड्रिंक तैयार की जाती थी। एक ओर जहाँ अमेरिका में लोग मिर्च-मसालेदार चॉकलेट का सेवन करते थे, वहीं यूरोप ने चॉकलेट को मिठास दी। यूरोप में लोगों ने कोको बीन्स में शक्कर और दूध डालकर जमाया और एक स्वादिष्ट मिठाई तैयार हो गई। इसके बाद यह मीठी चॉकलेट पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गई।  धीरे-धीरे चॉकलेट इतनी प्रचलित हो गई कि लोग एक दूसरों को इसे भेंट स्वरूप देने लगे । चॉकलेट न केवल बच्चों और युवाओं की पहली पसंद है, बल्कि अब जन्मदिन या किसी समारोह में दिए जाने वाले उपहारों में भी यह शामिल हो गई है। चॉकलेट आज इतने आकर्षक और अलग- अलग फ्लेवर्स में उपलब्ध हैं, कि चॉकलेट का चयन करना भी कठिन हो जाता है। चॉकलेट में स्वाद के अलावा और भी कई फायदे मौजूद हैं। बाजार में उपलब्ध कई तरह की चॉकलेट्स में से सबसे बेहतर होती है डार्क चॉकलेट । इसमें शक्कर की मात्रा बेहद कम अथवा नहीं के बराबर होती है, और यह चॉकलेट स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक है।

यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार के तनाव में है, तो चॉकलेट का सेवन उसका तनाव कम कर सकती है। चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो त्वचा पर दिखने वाले बढ़ती उम्र के लक्षणों और झुर्रियों को कम करती है। इसके इन्हीं गुणों के कारण आजकल चॉकलेट बाथ, फेशियल, फेस पैक और वैक्स में भी बड़े पैमाने पर प्रयोग की जाने लगी है। जिन लोगों को निम्न रक्तचाप (लो ब्लडप्रेशर) की समस्या है, उनके लिए चॉकलेट बेहद लाभदायक है। रक्तचाप कम होने की स्थि‍ति में चॉकलेट तुरंत राहत प्रदान करती है।  हमारे शरीर में मौजूद एलडीएल कोलेस्ट्रॉल अर्थात बुरे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में चॉकलेट बहुत कारगर है। सीमित मात्रा में डार्क चॉकलेट का प्रयोग एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम कर मोटापे तथा इसकी वजह से होने वाली अन्य बीमारियों को भी नियंत्रित करने में सहायक है। एक नवीनतम शोध के मुताबिक रोजाना दो कप हॉट चॉकलेट ड्रिंक पीने से दिमाग स्वस्थ रहता है  और याददाश्त कमजोर नहीं होती है। चॉकलेट से दिमाग में रक्त संचार भी बेहतर होता है।  एक अन्य रिसर्च के मुताबिक चॉकलेट या चॉकलेट ड्रिंक का सेवन ह्दय-रोग की संभावना को एक तिहाई कर देता है, और ह्दय को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

आजकल हमें बाजार में चॉकलेट की कई कंपनियाँ और हर कंपनी की चॉकलेट में कई तरह की वैरायटियाँ देखने को मिल जाएँगी। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि हमारी मनपसंद चॉकलेट को वह रूप देने में किसकी भूमिका होती है। हर बार नए फ्लेवर की चॉकलेट बनाने का श्रेय जाता है चॉकलेटियर को। फूड इंडस्ट्री से जुड़ा यह एक ऐसा चमकीला कॅरियर है, जो अपने आप में रचनात्मकता से भरा हुआ है। यदि आप भी कई प्रकार के स्वाद को पहचानने, उसे विकसित करने तथा रचनात्मकता की क्षमता रखते हैं तो आप चॉकलेटियर के रूप में अपना चमकीला करियर बना सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि   चॉकलेटियर वह विशेषज्ञ अथवा कन्फेक्शनरी शेफ होता है, जो चॉकलेट्स के स्वाद और टेक्सचर को बढ़ाने का काम करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो चॉकलेटियर वह आर्टिस्ट होता है, जो चॉकलेट आधारित कई वेरायटी के स्वादिष्ट, आकर्षक प्रोडक्ट्स जैसे पेस्ट्री, कुकीज, आर्टिस्टिक चॉकलेट मोल्डिंग्स आदि तैयार करता है। चॉकलेटियर अपनी खुद की रेसिपी में प्रोसेस्ड चॉकलेट को अन्य सामग्री के साथ ब्लैंड करके डेकोरेटिव कैंडीज, बार्स और अन्य डेजर्ट तैयार करने का काम करते हैं। एक चॉकलेटियर का काम केवल कई प्रकार की चॉकलेट को तैयार करना ही नहीं होता, अपितु यह एक आर्ट भी है, जिसमें आप स्वाद के साथ−साथ उसे प्रस्तुत करने के तरीकों पर भी बारीकी से काम करते हैं। यदि आप अपने उपभोक्ताओं से आजीवन एक रिश्ता कायम करना चाहते हैं तो पहली शर्त यह है कि आप चॉकलेट की क्वालिटी के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता न करें। उसके बाद बारी आती है चॉकलेट की डिजाइनिंग की। अंत में आप चॉकलेट की पैकेजिंग पर भी उतना ही ध्यान दें। अगर आप इन सभी क्षेत्रों में बारीकी से काम करते हैं तो अंत में आप एक बेहतर प्रॉडक्ट का निर्माण कर पाएँगे तथा एक सफल चॉकलेटियर बन पाएँगे।

एक सफल चॉकलेटियर बनने के लिए आपके पास ऊँची डिग्री से ज्यादा कुकिंग स्किल्स का होना आवश्यक है। आपको स्वाद की जितनी ज्यादा समझ होगी, आपके सफलता के अवसर उतने ही ज्यादा होंगे। इस क्षेत्र में केवल वही व्यक्ति चमकीली सफलता प्राप्त कर सकता है, जिसमें धैर्य तथा क्रिएटिविटी हो। साथ ही यह भी समझ होनी चाहिए कि किस तरह के चॉकलेट प्रॉडक्ट का निर्माण करके लोगों को अपने प्रोडक्ट की ओर आकर्षित किया जा सकता हैं। इसके लिए चॉकलेट के फ्लेवर, टेक्सचर और उसे बनाने की तकनीक के बारे में भी गहन जानकारी होनी चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि उपभोक्ता आपके द्वारा बनाए गए प्रॉडक्ट को पसंद करें तो आप हर छोटी से छोटी डिटेलिंग पर भी ध्यान दें क्योंकि सिर्फ फ्लेवर ही नहीं, आपकी प्रेजेंटेशन भी ग्राहकों को आपके प्रोडक्ट की ओर आकर्षित करती है।

चॉकलेटियर के रूप में उजला करियर बनाने के लिए कोई विशेष प्रशिक्षण जरूरी नहीं है परन्तु फिर भी विभिन्न प्रकार के उपकरणों के इस्तेमाल के तरीके को सीखने के लिए आप चॉकलेट के लिए स्पेशलाइज कूकिंग क्लास ज्वॉइन कर सकते हैं। इसमें कोई दो मत नहीं कि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आप हर गुजरते दिन के साथ कुछ नया सीखते हैं। इस क्षेत्र में हर वह व्यक्ति अपना करियर बना सकता है, जो रचनात्मक हो। साथ ही किसी भी विषय से बारहवीं पास हो। कलिनरी स्कूल से सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स करने के लिए न्यूनतम बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। चॉकलेटियर का कोर्स वर्तमान समय में देश के कई इंस्टीट्यूट करवाने लगे हैं। चॉकलेट मेकिंग के स्पेशलाइज्ड कोर्सेज के तहत चॉकलेट प्रोसेसिंग, टेम्परिंग (मिलाने का तरीका), मोल्डिंग, चॉकलेट डिपिंग, स्कल्पटिंग,  प्रोफेशनल चॉकलेट मेकिंग, चॉकलेट डेकोरेशन, चॉकलेट पैकेजिंग आदि की तकनीक गहराई से दिखाई जाती है। इसके साथ ही चॉकलेट के इतिहास, उसके तत्वों, स्वाद, टेक्सचर और प्रोसेसिंग के बारे में भी सिखाया जाता है। जॉब करते हुए भी आप इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। चॉकलेट क्राफ्टिंग की कला में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए अभ्यास बहुत जरूरी है। जो लोग इस क्षेत्र में स्वयं का बिजनेस करना चाहते हैं, वे बिजनेस प्लानिंग तथा मैनेजमेंट का कोर्स करके फायदा उठा सकते हैं।  यदि आप चॉकलेटियर के रूप में चमकीला करियर बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके अंदर कुछ विशेष गुणों का होना जरूरी है। बेसिक कुकिंग स्किल, रचनात्मकता, कल्पनाशक्ति, पैशन, घंटों काम करने की क्षमता, काम के प्रति समर्पण, चॉकलेट से संबंधित विभिन्न जानकारियाँ आपको होना चाहिए। साथ ही आपमें मार्केटिंग और पब्लिक रिलेशन स्किल्स भी होनी चाहिए।

चूंकि चॉकलेट की डिमांड बहुत ज्यादा है, इसलिए इस क्षेत्र में काम की कोई कमी नहीं है। अगर आप क्रिएटिव माइंड के साथ चॉकलेट मेकिंग का काम करते हैं तो आपका सफल होना तय है। इस क्षेत्र में काम करने के लिए आप कोर्स पूरा करने के बाद किसी भी बड़ी चॉकलेट कंपनी अथवा किसी प्रोफेशनल चॉकलेटियर के अंडर ट्रेनिंग ले सकते हैं। इसके बाद आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। जब आप अपने काम में एक्सपर्ट बन जाएँ तो आप लोकल कैंडी स्टोर से लेकर बड़ी चॉकलेट कंपनियों, होटल व रिसॉर्ट आदि में अच्छे वेतन पर काम कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप चाहें तो खुद की चॉकलेट बनाकर भी विभिन्न गिफ्ट स्टोर्स, फ्लोरिस्ट, कैंडी स्टोर तथा बेकरीज को बेचकर भारी मुनाफा कमा सकते हैं। अच्छा खासा अनुभव हो जाने के उपरांत आप अपना स्वयं का चॉकलेट स्टोर भी खोल सकते हैं या फिर किसी नामी चॉकलेट ब्रांड के साथ काम कर सकते हैं। बिजनेस शुरू करने के बाद आप कॉर्पोरेट, गिफ्ट स्टोर्स, फ्लोरिस्ट्स और बेकरीज  के साथ टाई-अप करके अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग कर सकते हैं। इसके अलावा चॉकलेट कन्फेक्शनरी इंडस्ट्री में चॉकलेट टेस्टर के रूप में भी करियर बनाया जा सकता हैं। हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री जैसे क्रूज शिप, होटल्स, रेजॉर्ट्स आदि में भी काम करने के अवसर मिलते हैं। यहाँ तक कि आप खुद की चॉकलेट कंपनी अथवा कलिनरी स्कूल भी खोल सकते हैं।

    

इस क्षेत्र में आमदनी की बात की जाए तो इस क्षेत्र में आपकी शुरूआती सैलरी 15 से 20 हजार रुपए हो सकती है। समय तथा अनुभव बढ़ने के साथ अगर आपका काम लोगों द्वारा पसंद किया जाता है तो आपकी सैलरी भी कई गुना बढ़ जाती है।  विदेश जाकर किसी बड़ी चॉकलेट कंपनी में काम करने पर सैलरी दो लाख रुपये प्रति माह से शुरू होती है, जो अनुभव के साथ तीव्र गति से बढ़ती जाती है। अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने पर तो आय की कोई सीमा नहीं है।

चॉकलेट मेकिंग के प्रशिक्षण से संबंधित प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-

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मैग्निफिसेंस एकेडमी ऑफ पैकेजिंग प्रोफेशनल्स, दिल्ली। (www.mappandmagnificence.com) इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड न्यूट्रिशन, गोवा।
(ihmgoa.gov.in)
बैरी कैलेबॉट चॉकलेट एकेडमी, मुंबई।(www.barry-callebaut.com) चॉकलेट एकेडमी, मुंबई।(www.chocolate-academy.com) स्विसरेप चॉकलेट अकादमी, मुंबई। (www.swisswrap.com)


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