Awakened... Blown... Then Will Awaken Soft Landing 22 Again

रोवर की बैटरी पूरी तरह चार्ज है। उसका सोलर पैनल 22 सितंबर को चांद पर अगले सूर्योदय तक ऊर्जा लेने में सक्षम है। तब देखा जाएगा कि दक्षिणी ध्रुव के इस हिस्से में माइनस 200 डिग्री से ज्यादा ठंड विक्रम लैंडर बर्दाश्त कर पाएगा या नहीं। इसरो को उम्मीद है कि दूसरे चरण के लिए रोवर फिर उठ खड़ा होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो रोवर और लैंडर वहीं रहेंगे।

चांद पर ‘अंगद’ की तरह पांव जमाए लैंडर विक्रम ने एक और करिश्मा कर दिखाया है। हेलिकॉप्टर की तरह चांद पर उड़ान भरते हुए उसने एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग की। इसरो ने सोमवार को वीडियो शेयर किया, जिसमें विक्रम चांद की सतह से उड़ता और कुछ दूर जाकर फिर से लैंड करता दिखाई दे रहा है। इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर ने मिशन उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग एक प्रयोग था। ‘हॉप एक्सपेरिमेंट’ (उछलने का प्रयोग) या किक स्टार्ट प्रक्रिया से इसरो ने कमांड दिया और विक्रम के इंजन चालू हो गए। उम्मीद के मुताबिक विक्रम 40 सेंटीमीटर ऊपर उठा और 30 से 40 सेंटीमीटर दूर जाकर उतरा। इस प्रयोग के आधार पर इसरो भविष्य के मिशन में चांद से यान को धरती पर वापस ला सकेगा। इससे भावी मानव मिशन में भी मदद मिलेगी।