BLOG

यकीनन कोविड-19 के बाद लगातार देश और दुनिया में जिस तेजी से इंश्योरेंस सेक्टर छलांगे लगा रहा है, उसी तेजी से छोटे गाँवों से लेकर बड़े शहरों तक इंश्योरेंस सेक्टर में बहुआयामी करियर के मौके बढ़ रहे हैं। चाहे लाइफ इंश्योरेंस हो या हेल्थ इंश्योरेंस हो, चाहे जनरल इंश्योरेंस या फिर मोटर इंश्योरेंस सभी की मांग तेजी से बढ़ी है। देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से वर्ष 2020 के बाद इंश्योरेंस का ग्राफ तेजी से बढ़ा हैं। कोरोना के बाद स्वास्थ्य चिंताएं बढ़ने से अब ज्यादातर लोग बीमा पालिसी अपने और स्वजन के लिए भी अनिवार्य मानने लगे हैं। देश में बढ़ते हुए मध्यम वर्ग, परिवार सुरक्षा की योजना, उद्योग-कारोबार में बढ़ती जोखिमों तथा आयुष्मान भारत के तहत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के लागू होने तथा इंश्योरेंस के गाँवों की ओर तेजी से बढ़ने जैसे कारणों से देश में इंश्योरेंस बिजनेस बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जैसे-जैसे इंश्योरेंस की मांग बढ़ती जा रही है, इंश्योरेंस इंडस्ट्री भी ग्रोथ कर रही है और यहां युवाओं के लिए करियर अवसर भी बढ़ रहे हैं।
इंश्योरेंस के बढ़ते बाजार के साथ बढ़ते करियर मौके
एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंश्योरेंस इंडस्ट्री का आकार वर्ष 2020 में 280 अरब डॉलर मूल्य के करीब रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2025 तक इंश्योरेंस सेक्टर में 12 से 15 फीसदी इजाफा संभावित है। 2021 में जनरल इंश्योरेंस की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) 5 प्रतिशत थी जो 2022 में बढ़कर 10.2 प्रतिशत पहुँच गई। खासतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कोविड महामारी के बाद करीब 32 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है। साथ ही नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर, यानी जीवन बीमा के अतिरिक्त होने वाले सभी बीमा क्षेत्रों में औसतन 16 प्रतिशत की दर से वृद्धि दिखाई दी हैं। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि इस समय जीवन बीमा की प्रीमियम आय का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चार फीसदी से भी कम का योगदान है, जबकि वैश्विक जीडीपी में यह करीब सात प्रतिशत है। ऐसे में जीवन बीमा के विस्तार और इसमें रोजगार की असीम संभावनाएँ हैं। न केवल सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में वरन् प्रायवेट सेक्टर की, बिड़ला सन लाइफ, आईसीआईसीआई, बजाज एलियांज, टाटा एआईए, रिलायंस, मैक्स बूपा, केयर हेल्थ इंश्योरेंस आदि कंपनियों ने बीमा क्षेत्र को चमकदार बना दिया है और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में भी बड़ी संख्या में करियर के मौके बढ़े हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर में बहुआयामी करियर और नए विकल्प
कल तक इंश्योरेंस सेक्टर में नौकरी की बात आते ही लोग इसे सीधे बीमा एजेंट के काम से जोड़ लेते थे, जिन्हें घर-घर जाकर पॉलिसी बेचनी होती है। लेकिन टेक्नोलॉजी ने पेपरवर्क पर आधारित पॉलिसी बेचने के परम्परागत तरीके को बदला और इस क्षेत्र में करियर के बहुआयामी नए विकल्प तैयार हो गए हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम विश्व (एलआईसी) की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है। ऐसे में एलआईसी में गांव से शहर तक कही भी एजेंट बनने से लेकर सहायक प्रशासनिक अधिकारी जैसे विभिन्न पदों पर रहते हुए मानवता की सेवा के साथ-साथ अच्छी कमाई का प्रतिष्ठापूर्ण करियर बनाया जा सकता है। अतएव देश में बीमा क्षेत्र के तहत शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी करियर के मौकों के विस्तार की भारी संभावनाएँ है। छोटे-छोटे गाँवों में एलआईसी एजेंट के रूप में काम शुरू करके आज कई एलआईसी एजेंट करोड़पति हो गए।
इंश्योंरेंस सेक्टर में काम की विविध भूमिकाओं में करियर के मौके
वस्तुतः इंश्योरेंस सेक्टर में आपका करियर इस पर निर्भर करता है कि आप इंश्योंरेंस सेक्टर के कौन से फील्ड में या इसके कौन से फंक्शन में जाना चाहते हैं। जैसे अगर आपको सेल्स में करियर बनाना है तो इस काम में ग्रेजुएट से लेकर एमबीए तक के युवाओं की यहां हायरिंग होती है, जहां फ्रंट लाइन सेल्स, सुपरवाइजरी लेवल, मिडल मैनेजमेंट लेवल, लीडरशिप लेवल जैसे अलग-अलग स्तरों पर अपनी योग्यता और अनुभव के आधार पर करियर बना सकते हैं। फाइनेंस सेक्शन में करियर बनाने के लिए बी. काम. और एम.काम. डिग्रियों के साथ फायनेंस व एकाउंटिंग में विशेषज्ञता, सीए या एमबीए फाइनेंस बैकग्राउंड होना लाभप्रद हैं। एचआर सेक्शन में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और एमबीए के बाद सरलता से आ सकते हैं। सांख्यिकी और इंजीनियरिंग डिग्रियों के साथ एनालिटिक्स और डाटा साइंस विशेषज्ञता इंश्योरेंस कंपनियों में एनालिटिक्स से जुड़े अहम काम दिला सकती हैं। इंश्योरेंस कंपनियों में इनवेस्टमेंट का भी सेक्शन होता है। इंश्योरेंस प्रीमियम और अन्य प्रकार से जो धन आता हैं, उसे निवेश करने से संबंधित काम इन्वेस्टमेंट सेक्शन देखता है। अगर आपको यहां करियर बनाना है, तो मार्केट का अनुभव होना चाहिए।
चूंकि इंश्योरेंस रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के अंतर्गत आते हैं, इसलिए यहां आपरेशनल सेक्शन के अंतर्गत इंटरनल आडिट, कंप्लाएंस, रिस्क, क्लेम, अंडर राइटिंग, लीगल जैसे सब-सेक्शन भी होते हैं, यहां भी योग्यतानुसार करियर बना सकते हैं। इसी तरह अगर आप एक्चुरियल सेक्शन में करियर बनाना है, तो इसके लिए स्पेसिफिक क्वालिफिकेशन के रूप में एक्चुरियल कोर्स किया हुआ होना चाहिए। इस तरह इंश्योरेंस सेक्टर के तहत कई तरह के विभिन्न कार्यों में करियर के मौके होते है। एक्चुअरी प्रोफेशनल बीमारी, निधन, दुर्घटना, विकलांगता आदि की स्थिति में जोखिम का आकलन करते हैं। सर्वेयर के द्वारा आगजनी, विस्फोट, भूकम्प, बाढ और दंगों आदि की स्थिति में सर्वे का कार्य किया जाता हैं। इनका पहला काम लोकेशन पर जाकर क्षति का आकलन करना होता है।
इंश्योरेंस सेक्टर में करियर की जरूरी स्किल्स-
चूँकि इंश्योरेंस सेक्टर में मुख्य तौर पर ग्राहकों से आमने सामने की बातचीत होती है इसलिए डिग्री की योग्यता के अलावा अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स और इस डिजिटल दौर में कम्प्यूटर स्किल्स पहली जरूरत है। इनके साथ-साथ इंश्योरेंस संबंधी गहन जानकारियाँ और लोगों को प्रभावित करने की क्षमता, बदलते हुए राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक घटनाक्रम की जानकारी वाकपटुता, धैर्य, निर्णय लेने की क्षमता, हिन्दी और स्थानीय भाषा के साथ अच्छी अंग्रेजी जैसी स्किल्स अहम भूमिका निभाती हैं। लोगों की प्रॉब्लम्स को समझकर उनके निराकरण के मद्देनजर उपयुक्त इंश्योरेंस पॉलिसी संबंधी मार्गदर्शन से इंश्योरेंस सेक्टर में करियर की असीम ऊँचाइयाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर में करियर संबंधी विशेष डिग्रियाँ और प्रतिष्ठापूर्ण जॉब
इंश्योरेंस सेक्टर में करियर बनाने हेतु पहले प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों का अभाव था लेकिन आज अनेक संस्थान इसका बाकायदा प्रशिक्षण देने लगे हैं। इंश्योरेंस के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंश्योरेंस, पीजी डिप्लोमा इन इंश्योरेंस मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग, एम.बी.ए. इन इंश्योरेंस जैसे पाठ्यक्रमों की अहमियत बढ़ गई है। इनके अलावा कोई भी डिग्री रखने वाले युवा इंश्योरेंस संबंधी करियर की योग्यताओं को मुठ्ठी में लेकर आगे बढ़ सकते हैं। यह आपकी रुचि, अनुभव और शैक्षिक योग्यता पर निर्भर करता है कि आप इंश्योरेंस के तहत किस तरह के एरिया और इंडस्ट्री में काम करना चाहते हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर में करियर के लिए कैसे आगे बढ़े
चूँकि इंश्योरेंस सेक्टर में करियर छोटे गाँवों से लेकर बढ़े शहरों तक है और सामान्य शैक्षणिक योग्यता से लेकर इंश्योरेंस की विशिष्ट शैक्षणिक योग्यता रखने वालों तक विस्तारित हैं। अतएव अपने गाँव या शहर की जीवन बीमा या अन्य इंश्योरेंस कंपनी या किसी इंश्योरेंस के करियर से जुड़े व्यक्ति से मिलकर प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करें। इंश्योरेंस कंपनियों के भर्ती संबंधी विज्ञापनों पर लगातार ध्यान दें। ऐसे में गाँव या शहर कहीं भी रहते हुए उपयुक्त करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं। अपनी उपयुक्तता के अनुरूप उपयुक्त इंश्योरेंस कोर्स या इंश्योरेंस की विशेषज्ञता के साथ कॉमर्स मैनेजमेंट इंजीनियरिंग या अन्य कोई डिग्री के साथ इंश्योरेंस सेक्टर में अच्छे करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं।