प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद की एक रैली में अमेरिका का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि किसानों, पशुपालकों और लघु उद्योगों के हित सर्वोपरि हैं और उन पर कोई दबाव काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे। सरकार गरीबों के लिए सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "गुजरात की धरती दो मोहन की धरती है - एक सुदर्शन चक्रधारी द्वारिकाधीश और दूसरे चरखाधारी महात्मा गांधी। भारत इन दोनों के दिखाए रास्तों पर चलकर सशक्त हो रहा है। श्रीकृष्ण ने सिखाया कि राष्ट्र और समाज की रक्षा कैसे की जाती है।"
उन्होंने कहा, "आज आतंकवादियों और उनके आकाओं को हम छोड़ते नहीं हैं। पहलगाम हमले का बदला कैसे लिया गया, यह दुनिया ने देखा है। 22 मिनट में सब साफ कर दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर हमारी सेना की ताकत और इच्छाशक्ति का प्रतीक है।"
25 अगस्त को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया, “मैं तानाशाह नहीं हूं, बल्कि एक समझदार व्यक्ति हूं। मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोका। उस दौरान सात जेट विमानों को मार गिराया गया था और जंग अगले स्तर पर थी। मैंने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया और युद्ध टल गया।”
ट्रंप ने कहा, “मैंने व्यापारिक दबाव बनाया और कहा - अगर लड़ाई जारी रही तो कोई व्यापार या समझौता नहीं होगा। 24 घंटे में मामला सुलझाओ। और उन्होंने युद्ध रोक दिया।”
ट्रंप ने कहा, “मैंने जिन 7 युद्धों को रोका, उनमें से 4 टैरिफ और व्यापार के कारण रोके गए। मैंने कहा - अगर तुम लड़ोगे तो ठीक है, लेकिन व्यापार के समय हम 100% टैरिफ लगाएंगे।”
भारत पहले ही ट्रंप के इन दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर चुका है। भारत ने कहा कि युद्धविराम के लिए पाकिस्तान ने ही गुहार लगाई थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि ट्रंप से वैसी ही सामान्य बातचीत हुई जैसी किसी अन्य राष्ट्राध्यक्ष से होती है।