मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब 66 केवी या उससे अधिक क्षमता की हाईटेंशन लाइन खेतों के ऊपर से गुजरने पर किसानों को कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार 200 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पहले यह मुआवजा केवल 85 प्रतिशत दिया जाता था।
सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि हाईटेंशन लाइन बिछाने के लिए अधिग्रहित भूमि पर अब किसानों को पहले से काफी अधिक मुआवजा मिलेगा।
जहां-जहां हाईटेंशन लाइन के टावर स्थापित किए जाएंगे, वहां टावर के चारों लेग के भीतर आने वाली भूमि और उसके दोनों ओर एक-एक मीटर अतिरिक्त क्षेत्र का पूरा मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि जमीन पर किसान का कब्जा बना रहेगा।
ट्रांसमिशन लाइन के नीचे आने वाले ROW (राइट ऑफ वे) क्षेत्र में आने वाली भूमि के कॉरिडोर क्षेत्रफल का कलेक्टर गाइडलाइन मूल्य का 30 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाएगा। ROW क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण प्रतिबंधित रहेगा।
क्षतिपूर्ति राशि का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा, जो भूमि के बाजार मूल्य और निर्धारित सरकारी मानकों के आधार पर मुआवजा तय करेंगे।
| केवी हाईटेंशन लाइन | सामान्य मार्ग | वन क्षेत्र | शहरी आबादी क्षेत्र |
|---|---|---|---|
| 400 केवी | 46 मीटर | 40 मीटर | 38 मीटर |
| 220 केवी | 32 मीटर | 28 मीटर | 24 मीटर |
| 132 केवी | 25 मीटर | 21 मीटर | 19 मीटर |