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कमर्शियल पायलट के करियर का नया दौर


देश और दुनिया के अधिकांश पायलट यह कहते हुए पाए जाते हैं कि बचपन से ही उन्हें हवा में उड़ान भरते जहाज लुभाते रहे हैं। कुछ बड़े होने के साथ उन्होंने कमर्शियल पायलट बनने का सपना देखा और फिर उन्होंने समुचित योग्यता हासिल करते हुए कौशल निखार के साथ कमर्शियल पायलट के रूप में करियर का सपना साकार किया है। कुछ वर्षों पहले तक माना जाता था कि भारत में हवाई जहाज में सफर सिर्फ अमीरों के लिए है। लेकिन अब आसमान की इस चिड़िया ने जमीन पर रहने वालों से रिश्ता बनाना शुरू कर दिया है। अर्थव्यवस्था के विकास, बढ़ते कारोबार और तेज रफ्तार जिंदगी के बीच हवाई सफर अब स्टेटस सिंबल नहीं रहा, यह आम लोगों की भी जरूरत बन गया है। मजबूत आर्थिक विकास और बढ़ती मध्यम वर्ग की आबादी हवाई यात्रा यातायात में वृद्धि को बढ़ावा दे रही है और यात्री विमानों की मांग पैदा कर रही है। सस्ता किराया और आधुनिक तकनीक की मदद से भारत की एविएशन इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस तरह आने वाले समय में हवाई सेवाएं बढ़ने के साथ यह सेक्टर काफी संख्या में रोजगार भी देगा। इन सब संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए कमर्शियल पायलट आज के दौर में एक आकर्षक करियर विकल्प के तौर पर उभर रहा है।

छलांगे लगाकर बढ़ता भारत का विमानन बाजार और कमर्शियल पायलट के बढ़ते मौके

हाल में प्रकाशित विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2023 में 2.87 फीसदी की सीएजीआर के साथ भारत के विमानन बाजार का आकार 10.89 अरब डॉलर रहा है, यह तेजी से बढ़कर 2028 तक 12.55 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। साथ ही भारत वर्ल्ड एविएशन मार्केट में वर्ष 2023 में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है तथा वर्ष 2050 तक विश्व का सबसे बड़ा देश बनने की संभावनाएँ रखता है। गौरतलब है कि भारत सरकार के नागरिक विमानन मंत्रालय के मुताबिक भारत में 2014 तक 74 हवाई अड्डे (हेलीपोर्ट और जलीय विमानपत्तन समेत) थे और अब 2023 में यह संख्या दोगुनी होकर 148 हो गई है। 2013-14 में भारत में छह करोड़ घरेलू हवाई यात्री थे। अब यह संख्या 135 प्रतिशत बढ़कर 14.5 करोड़ हो गई है। इसी तरह इस अवधि में अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या 50 प्रतिशत बढ़कर 4.7 करोड़ से सात करोड़ हो गई है। इसके अलावा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों में मालवहन 65 प्रतिशत बढ़ गया है और 22 लाख टन से बढ़कर 36 लाख टन हो गया है। 2014 में भारतीय विमानन कंपनियों के पास विमानों की संख्या 400 थी जो अब बढ़कर 700 हो गई है और इसमें 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में एअर इंडिया ने 70 अरब डॉलर में 470 विमानों का ऐतिहासिक ऑर्डर दिया है। यह केवल शुरुआत है। उम्मीद है कि भारतीय विमानन कंपनियां अगले पांच साल में अतिरिक्त 1,200 से 1,400 विमानों का ऑर्डर देंगी। अगले पांच साल में हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जलीय विमानपत्तनों की संख्या 200 से अधिक हो जाएगी।

एक लाख करोड़ रुपए का निवेश बढ़ाएगा कमर्शियल पायलट का करियर

देश में 2014 में केवल तीन ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे थे। अब 11 और तैयार हैं तथा 10 और को मंजूरी दे दी गई है। इसी तरह उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 2014 में नौ विमानपत्तन होते थे और संख्या बढ़कर 17 हो गई है। विमानन क्षेत्र में अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा। 2030 तक सालाना घरेलू यात्रियों की संख्या 45 करोड़ हो जाएगी जिसमें मौजूदा आंकड़े से 300 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। हवाई यात्री यातायात में वृद्धि और महामारी से पहले के स्तर पर इसकी बहाली, साथ ही मौजूदा विमानों को उन्नत टिकाऊ विमानों से बदलना, वाणिज्यिक विमानन बाजार को बढ़ा रहा है। अब देश में क्वालिफाइड पायलट की भारी जरूरत है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एअर ट्रैफिक में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए इन दिनों लगभग सभी एअरलाइंस को अपने विस्तार के लिए नियमित रूप से हवाई जहाज खरीदने पड़ रहे हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि नए जहाजों को उड़ाने और उड़ानों की आवृत्ति को बढ़ाने के लिए नए पायलट जरूरी है।

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि पहले कुछ ही महिला कमर्शियल पायलट हुआ करती थीं। तब लड़कों की संख्या ज्यादा होती थी, लेकिन अब जमाना बदल गया है। बड़ी संख्या में लड़कियां भी अब पायलट बनने के लिए आगे आ रही है। यह कोई छोटी बात नहीं है कि भारत महिला पायलटों की दृष्टि से दुनिया में आगे है। दुनिया में महिला पायलट का औसत 5.8 है, लेकिन ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 12.4 प्रतिशत महिला पायलट हैं। इस तरह महिलाएँ भी कमर्शियल पायलट बनकर अपने सपनों को उड़ान दे सकती है।

कमर्शियल पायलट कैसे बनें?

कमर्शियल पायलट बनने की दिशा में पहला कदम एसपीएल (स्टूडेंट पायलट लाइसेंस) प्राप्त करना होता है जो कि नागर विमानन महानिदेशालय, भारत सरकार या विदेश स्थित किसी प्राधिकरण द्वारा मान्यताप्राप्त किसी उड़ान (फ्लाइंग) क्लब में पंजीकरण के लिए जरूरी माना जाता है। इसके लिए आवेदन करने हेतु कम से कम 16 वर्ष की आयु का होने के साथ सामान्यत: 12वीं (भौतिकी, रसायन एवं गणित विषय समूह के साथ) न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। एसपीएल की आवेदन प्रक्रिया हवाई विनियमों, नेवीगेशन, मौसम विज्ञान, आदि की सैद्धांतिक तथा मौखिक परीक्षाओं से शुरू होती है। उसके बाद आपको नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा अनुमोदित स्वास्थ्य उपयुक्तता प्रमाणपत्र, सिक्यूरिटी क्लीयरेंस तथा बैंक गारंटी देनी होती है। इस परीक्षा को जब आप सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर लेते हैं तब आप एक स्टूडेंट पायलट लाइसेंस प्रमाणपत्र के साथ वाणिज्यिक पायलट बनाने की दिशा में अपनी पहली सीढ़ी पार कर लेते हैं।
उल्लेखनीय है कि अभी तक हर पांच वर्ष पर सीपीएल का नवीनीकरण कराना अनिवार्य था। इससे पायलटों को सीपीएल को रिन्यू कराने में समय नहीं लगेगा। साथ ही एविएशन इंडस्ट्री में कमर्शियल पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने में काफी सहायता मिल सकेगी। दरअसल, पहले सीपीएल कोर्स करने के बाद यदि तुरंत नौकरी नहीं मिल पाती थी या लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी, तो इसके लिए फिर से अपने खर्च पर लाइसेंस रिन्यूअल के लिए फ्लाइंग टेस्ट क्लियर करना पड़ता था। साथ ही जॉब ढुढने वालों को फिर से लाईसेंस फीस के रूप में रुपए खर्च करना पड़ता था।
गौरतलब है कि पायलट बनने के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होना चाहिए साथ ही कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) कोर्स के अंतर्गत 200 घंटे का फ्लाइंग कोर्स करना होता है। साथ ही एकेडमिक सेशन और डीजीसीए (नागरिक उड्डयन निदेशालय) द्वारा ली जाने वाली कुछ परीक्षाएँ भी होती हैं, जिन्हें उत्तीर्ण करना होता है। यह कोर्स ट्रेनिंग सहित 18 से 24 महिने में पूरा किया जा सकता है।

कमर्शियल पायलट की करियर स्किल्स

एक वाणिज्यिक (कमर्शियल) पायलट बनकर आप रोमांचक तथा आकर्षक जीवन बिताने के अपने सपने को साकार कर सकते हैं तथा एक बहुत बड़ा वेतन पैकेज प्राप्त कर सकते हैं। यकीनन पायलट का करियर अधिकतर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। पायलट बनना बहुत कठिन भी नहीं होता है। लेकिन कमर्शियल पायलट बनने का फीस बहुत अधिक होती है। यह फीस ट्रेनिंग अकादमी के स्तर के अनुरूप सामान्यतः 30 से 35 लाख से अधिक होती है। पायलट बनने के लिए कुछ अतिविशिष्ट योग्यताएँ होना आवश्यक हैं। पायलट को अत्यधिक प्रशिक्षित एवं कुशल व्यवसायी होना होता है। पायलट का शारीरिक तथा मानसिक रूप से पूर्णत: स्वस्थ होना जरूरी होता है। साथ ही उसकी नेत्र दृष्टि एवं रंग दृष्टि भी अच्छी होनी चाहिए। पायलट का कार्य बहुत कठिन तथा चुनौतीपूर्ण होता है। पायलट को विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाने पड़ते हैं। विमान उड़ाने के लिए अत्यधिक शारीरिक श्रम की आवश्यकता चाहे न हो, परन्तु हर तरह के मौसम में यात्रियों से भरे किसी विमान की सुरक्षित उड़ान की जिम्मेदारी का मानसिक दबाव बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।

इस फील्ड मे आने के लिए युवाओं को अपने अंदर मल्टीटास्किंग और एकाग्रता जैसे गुणों को विकसित करने पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। जो स्टुडेंट कमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं, उन्हें पायलट बनने संबंधी बातों पर 10वीं के बाद ही सोचना शुरू कर देना चाहिए। तभी उसी के अनुसार 11वीं और 12वीं में विषयों का चुनाव कर सकेंगे।

कमर्शियल पायलट लाइसेंस की अहमियत –

एक कमर्शियल पायलट व्यापक सैद्धांतिक परीक्षा तथा विमानन पर डीजीसीए की परीक्षा तथा चिकित्सा स्वास्थ्य परीक्षा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद दिया जाता है। सीपीएल के बाद इंस्ट्रूमेंटिंग एवं टाइप रेटिंग प्रमाणन भी आवश्यक होता है। रेडियो टेलीफोनी की परीक्षा भी इसके साथ उत्तीर्ण करनी होती है। कमर्शियल पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के बाद आप सार्वजनिक परिवहन के विमानों को उड़ा सकते हैं। सीपीएल के उपरांत वाणिज्यिक उड़ान क्षेत्र में उच्च वेतन तथा अनेक लाभों के साथ-साथ विविध कार्य अवसर भी प्राप्त होते हैं, जैसे कार्पोरेट विमानन, कृषि उड़ान (क्रॉप डास्टिंग)आदि। आप निश्चित रूप से किसी भी घरेलू अथवा अंतरराष्ट्रीय एयर लाइन्स जैसे एयर इंडिया, स्पाइस जैट, जेट एयरवेज, एयर एशिया, इंडिगो आदि में नियुक्त हो सकते हैं। कमर्शियल पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के उपरांत डिफेंस या पैरामिलिट्री फोर्स भी ज्वाइन की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि एक पायलट के तौर पर वेतन और भत्ते बहुत आकर्षक होते हैं। शुरुआत ही करीब एक लाख रुपए मासिक से होती है। अनुभव बढ़ने पर पांच से छह लाख रुपए तक मासिक सैलरी मिल सकती है । साथ में फैमिली ट्रैवल, इंश्योरेंस खुद के ट्रैवल की सुविधाएँ भी मिलती है।

कैसे बढ़े कमर्शियल पायलट बनने की डगर पर

जो स्टूडेंट कमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं, और पायलट बनने की योग्यताएँ रखते है तो ध्यान रखें कि किसी भी प्रशिक्षण विमानन अकादमी या फ्लाइंग क्लब का चयन करने से पहले संस्थान की प्रतिष्ठा तथा उस संस्थान के पूर्व छात्रों से उस संस्थान के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें । इसके पश्चात एक पूर्ण योजना बनाकर कमर्शियल पायलट की राह पर आगे बढ़कर एक प्रतिष्ठापूर्ण करियर और आकर्षक वेतन के साथ अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।