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बैंकिंग सेक्टर में तेजी से बढ़े रोजगार मौके


यकीनन जो युवा बैंकिंग क्षेत्र को अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह सबसे उपयुक्त दौर है। इन दिनों प्रकाशित हो रही रोजगार अवसरों से संबंधित रिपोर्टों में बैंकिंग सेक्टर में तेजी से नौकरियाँ बनने के विश्लेषण प्रस्तुत किए जा रहे हैं। खासतौर से कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था के गतिशील होने और देश में तेज डिजिटलीकरण के कारण राष्ट्रीयकृत और सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के अलावा प्रायवेट सेक्टर और विदेशी बैंकों में भी बड़ी संख्या में नौकरियाँ निर्मित हो रही है। देश के बैंकिंग सेक्टर में निर्मित कुल नौकरियों में से लगभग दो तिहाई नौकरियां प्रायवेट बैंकों से संबंधित हैं।

बैंक प्रोबेशनरी ऑफिसरों की अधिक मांग

देश में बैंकिंग का बदलता परिदृश्य यह संकेत दे रहा है कि बैंकों में क्लेरिकल पदों की तुलना में बैंक प्रोबेशनरी ऑफिसरों ( बैंक पीओ) की अधिक मांग है। गौरतलब है कि देश में तेज आर्थिक विकास, डिजिटलीकरण और 47 करोड़ से अधिक जनधन खातों के कारण बैंकों की भूमिका आम आदमी के लिए भी महत्वपूर्ण हो गई है। पहले सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक धन जमा करने, धन सम्प्रेषित करने, ऋणों और अग्रिमों जैसी सेवाओं तक सीमित बने हुए थे। परन्तु अब सरकार के द्वारा आम आदमी के जनधन खातों में नगद सब्सिडी हस्तांतरण किया जा रहा है। बैंक का कार्यक्षेत्र बीमा पालिसियाँ बेचने और म्युचुअल फंड्स जैसी सेवाओं तक बढ़ गया है। निजी क्षेत्र के बैंक भी सरकारी बैंकों की तरह ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में नई-नई शाखाएँ खोल रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं।

डिजिटल बैंकिंग का विस्तार

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि हाल के वर्षों में कोविड-19 के बाद देश में डिजिटल बैकिंग का तेजी से विस्तार हुआ है। वस्तुतः डिजिटल बैंक और ट्रेडिशनल बैंक एक ही प्रकार की बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं। इनमें बस फर्क यह होता है कि बैंक की ब्रांच की तरह डिजिटल बैंक की कोई फिजिकल बैंक नहीं होती। यह पूरी तरह से ऑनलाइन संचालित होता है और तकनीक की मदद से बैंक को ही ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है। ऑनलाइन बैंकिंग केवल पर्सनल बैंकिंग का रूप है जिसे हम इंटरनेट का उपयोग करके संचालित करते हैं। यह हमारे बैलेंस और पिछले स्टेटमेंट की जांच करने से लेकर सीधे डेबिट सेट करने, बिल पेमेंट करने या किसी व्यक्ति के दूसरे अकाउंट में मनी ट्रांसफर करने तक कुछ भी हो सकता है। जैसे-जैसे ऑनलाइन बैंकिंग विकसित हुई है, वैसे ही सेवाओं की पेशकश की गई है और ग्राहक अब लोन के लिए आवेदन भी कर सकते हैं, एक बटन के कुछ क्लिक के साथ ग्लोबल लेवल पर पैसे भेज सकते हैं और यहां तक कि अपने ऑनलाइन बैंक अकाउंट के माध्यम से जल्दी भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।

बैंकों में करियर के लिए विभिन्न चयन परीक्षाएँ

राष्ट्रीयकृत बैंकों में भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान  द्वारा किया जाता है। भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोग बैंकों तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा अलग-अलग परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं। बैंकों में प्रोबेशनरी ऑफिसर पद के लिए 55 फीसदी अंकों के साथ स्नातक डिग्री रखने वाले आवेदन कर सकते हैं। इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए 21 से 30 वर्ष की उम्र सीमा है तथा बैंक लिपिक पद के लिए स्नातक डिग्री 50 फीसदी अंकों के साथ हो तथा 20 से 28 वर्ष तक की आयु सीमा निर्धारित है। अधिकांश निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों में अच्छी अंग्रेजी डिजिटल स्किल्स रखने वाले युवा ऑनलाइन इंटरव्यूसे चयनित किए जाते हैं।

बैंक चयन परीक्षाओं का पैटर्न और परीक्षाओं के चरण

राष्ट्रीयकृत बैंकों के लिए आईबीपीएस और स्टेट बैंक समूह के लिए बैंकिंग चयन परीक्षा लगभग एक ही प्रकार की होती है। बैंक पीओ परीक्षा के लिए तीन चरण हैं- प्रारंभिक परीक्षा (प्री एग्जाम), मुख्य परीक्षा (मेंस एग्जाम) और समूह चर्चा तथा साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा में मात्रात्मक योग्यता के अन्तर्गत एज, एवरेज, नंबर सिस्टम, सिम्पलीफिकेशन, रेशो प्रपोशन, पार्टनरशिप, प्रॉफिट एंड लॉस के प्रश्न पूछे जाते हैं। इस परीक्षा में तर्कज्ञान क्षमता के अन्तर्गत पजल्स, ब्लड रिलेशन, सिलोसिज्म, लॉजिकल वेन डायग्राम और सिटिंग अरेजमेंट के प्रश्न पूछे जाते हैं। इस परीक्षा में इंग्लिश के भी प्रश्न पूछे जाते हैं। जो वर्ड पावर, एन्टोनियम-सिनोनियम, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन और क्लोज पेसेज से संबंधित होंगे। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ (ऑब्जेक्टिव) प्रकार के होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में विज्ञापित किए गए कुल पदों की संख्या के 10 गुना उम्मीदवारों का शार्ट लिस्ट करके मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है।

मुख्य परीक्षा में वस्तुनिष्ठ और वर्णनात्मक दोनों प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। मुख्य परीक्षा के वस्तुनिष्ठ खंड में तर्कशक्ति, डाटा विश्लेषण, सामान्य जानकारी, अंग्रेजी भाषा, विपणन तथा कम्प्यूटर से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। जबकि वर्णनात्मक परीक्षा में अंग्रेजी भाषा के प्रश्न होते हैं। इसमें मैथ्स, रीजनिंग, इंग्लिश, जनरल अवेयरनेस और कम्प्यूटर प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पेपर पूरी तरह से हायर या क्रिटिकल लेवल का होता है। इसमें हायर लेवल के ही स्टेटमेंट बेस्ड प्रश्न, पजल्स, इनपुट आउटपुट, सिलोसिज्म के प्रश्न पूछे जाते हैं। करंट अफेयर, बैंकिंग व सोशल इकोनॉमी से संबंधित प्रश्न भी इस खंड में आते हैं। मुख्य परीक्षा में कम्प्यूटर का बेसिक और एडवांस दोनों का भी ज्ञान परखा जाता है। कुल पदों की संख्या के तीन गुना उम्मीदवारों को  मुख्य परीक्षा में शॉर्ट लिस्ट करके ग्रुप डिस्कशन तथा साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। फिर मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार के अंकों के आधार पर मेरिट जारी की जाती है और अंतिम परिणाम जारी किया जाता है।

बैंकिंग सेक्टर में करियर के लिए जरूरी स्किल्स

बैंकिंग सेक्टर में करियर के लिए बैंकिंग में रुचि, धैर्य, परिश्रम क्षमता, अंग्रेजी और डिजिटल स्किल्स के नॉलेज की बड़ी अहमियत है। तकनीकी कौशल के अलावा, पारस्परिक कौशल, संचार, संख्यात्मक और विश्लेषणात्मक कौशल, तार्किक तर्क और ग्राहक संबंधों की स्किल्स लाभप्रद हैं। वित्त/अर्थशास्त्र/बैंकिंग/वाणिज्य की मूल क्षमताएं बैंकिंग से संबंधित सर्टिफिकेशन कोर्स लाभप्रद हैं।

कैसे बनाएं बैंकिंग सेक्टर में करियर

निसंदेह बैंकिंग सेक्टर में अच्छे वेतन के साथ प्रतिष्ठापूर्ण करियर का मौका मिलता है। इस सेक्टर में करियर बनाने के लिए विभिन्न बैंक परीक्षाओं की पैटर्न के अनुरूप तैयारी की जानी चाहिए। सफलता में मॉक टेस्ट का प्रयास महत्वपूर्ण होता है। बैंकों में उपयोग आने वाले सर्टिफिकेशंस भी किए जाने चाहिए। निश्चित रूप से इस समय बैंकिंग का करियर संभावनाओं से भरा हुआ करियर है, यदि आप किसी भी बैंक भर्ती परीक्षा में अपनी तैयारी करके चयनित हो जाते हैं और उसके बाद अपनी प्रतिभा, अपने परिश्रम और अपनी डिजिटल स्किल्स का अच्छा, परिचय देगें, तो आप बैंकिंग करियर की ऊँचाइयों पर आगे बढ़ते हुए दिखाई देंगे।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)